लेखनी प्रतियोगिता -21-Feb-2023 मैं तुलसी तेरे आंगन की
शीर्षक-मैं तुलसी तेरे आंगन की
तेरे आंगन की हूं छाॅंव,
तुलसी है मेरा नाम।
सर्दी जुखाम में आती काम,
बच्चे बड़े सब करते रसपान।
कफ से मिलती राहत
तुलसी हो घर आंगन।
नकारात्मक ऊर्जा का करती विकार,
जीवन का करती विकास।
तुलसी बिन भोग अधूरा,
भगवान से है तुलसी का नाता।
तुलसी में होता लक्ष्मी का वास,
उस घर का होता उद्धार।
तुलसी की जो करता सेवा आराधना,
निरोगी रहती हमेशा उसकी काया।
जिस आंगन में हो तुलसी,
वातावरण रहता प्रदूषण रहित।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा "प्रिया"
Sushi saxena
22-Feb-2023 07:27 PM
बेहतरीन
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Varsha_Upadhyay
22-Feb-2023 06:33 PM
शानदार
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अदिति झा
22-Feb-2023 10:33 AM
Nice
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